भारत में कंपनियां शेयरधारकों को मुफ्त में शेयर देती हैं, जिसे “बोनस” कहा जाता है। जब कोई कंपनी अच्छा मुनाफा करती है लेकिन लाभांश नहीं दे सकती, तो वह अपने शेयरधारकों को बोनस शेयर देती है। यह निवेश को बढ़ाता है और कंपनी के भविष्य के बारे में संकेत देता है।
प्रमुख बिंदु
- बोनस शेयर कंपनियों द्वारा जारी किए जाते हैं जब उनके पास अच्छे मुनाफे होते हैं लेकिन वे लाभांश वितरित नहीं कर सकते।
- बोनस शेयर शेयरधारकों के निवेश को बढ़ाते हैं बिना उनकी स्वामित्व हिस्सेदारी को कम किए।
- बोनस शेयर कंपनी के भविष्य के प्रदर्शन का संकेत देते हैं।
- बोनस शेयर शेयरधारकों के लिए कर दक्ष होते हैं क्योंकि उन्हें इन पर कोई कर नहीं देना पड़ता।
- बोनस शेयर किफायती और पहुंच योग्य होते हैं, निवेशकों को आकर्षित करते हैं।
बोनस शेयर क्या है?
बोनस शेयर कंपनी के मौजूदा शेयरधारकों को अतिरिक्त शेयर देते हैं। ये शेयर कंपनी के अच्छे मुनाफे के बावजूद शेयरधारकों को लाभांश नहीं देने पर दिए जाते हैं। इन शेयरों को बिना किसी अतिरिक्त लागत के दिया जाता है और इनकी संख्या शेयरधारकों के आधार पर निर्धारित होती है।
बोनस शेयर कैसे काम करते हैं?
बोनस शेयरों की घोषणा के साथ, कंपनी अतिरिक्त शेयर बिना किसी भुगतान के देती है। उदाहरण के लिए, 1:2 बोनस की घोषणा होने पर, निवेशक को हर दो शेयर के लिए एक अतिरिक्त शेयर मिलता है। इसके विपरीत, स्टॉक स्प्लिट में कंपनी मौजूदा शेयरों को कई शेयरों में विभाजित करती है।
बोनस शेयर जारी करने से निवेशकों को टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ता है। यह कंपनी की लिक्विडिटी में सुधार लाता है। स्टॉक स्प्लिट करने से शेयर कीमतें कम हो जाती हैं, जिससे निवेशकों के लिए यह अधिक किफायती हो जाता है।
बोनस शेयर कंपनियों के मौजूदा शेयरधारकों के लिए लाभकारी होते हैं। ये शेयर कंपनी की लिक्विडिटी में सुधार करते हैं।
बोनस शेयरों की प्रकृति
बोनस शेयर कंपनी के भविष्य के प्रदर्शन का संकेत हैं। यदि कोई कंपनी बोनस शेयर जारी करती है, तो यह बताता है कि वह भविष्य में अधिक लाभ अर्जित करेगी।
यह संकेत देता है कि कंपनी अपने शेयरधारकों को अधिक लाभांश देगी। बोनस शेयर कंपनी की वृद्धि और लाभप्रदता का प्रतीक हैं।
बोनस शेयर कंपनी द्वारा मौजूदा शेयरधारकों को “बोनस” के रूप में दिए गए शेयरों की एक अतिरिक्त संख्या हैं।
कंपनी शेयरधारकों को तब देती है जब वे अच्छा मुनाफा कमाने के बावजूद लाभांश नहीं दे पाते।
बोनस शेयरों का उद्देश्य
- कंपनी का शेयर पूंजी बढ़ाना, जिससे लिक्विडिटी में वृद्धि होती है।
- कंपनी का प्रदर्शन और वित्तीय स्वास्थ्य दर्शाना।
- खुदरा भागीदारी को बढ़ावा देना।
कंपनियों द्वारा बोनस शेयरों के जारी किए जाने का मुख्य कारण है कि वे अपने शेयरधारकों को लाभांश नहीं दे पा रही हैं, लेकिन फिर भी उन्हें उनकी प्रगति और वृद्धि का प्रदर्शन करना होता है।
अप्रत्यक्ष रूप से बोनस शेयर कंपनी के भविष्य के बारे में संकेत देते हैं।
बोनस शेयर के लिए पात्रता
बोनस शेयर प्राप्त करने के लिए, कुछ शर्तें होती हैं। वे शेयरधारक पात्र हैं जिनके पास रिकॉर्ड तारीख से पहले कंपनी के शेयर हैं। भारत में, एक्स-डेट से दो दिन पहले रिकॉर्ड तारीख होती है।
इसलिए, केवल वे शेयरधारक ही बोनस शेयर प्राप्त कर सकते हैं जिनके पास एक्स-डेट से पहले कंपनी के शेयर धारण करते हैं।
शेयरधारकों को बोनस शेयर प्राप्त करने की पात्रता मिलती है। कंपनी की घोषित रिकॉर्ड तारीख के अनुसार, उस तारीख को या उससे पहले शेयर धारण करने वाले शेयरधारक ही बोनस शेयर प्राप्त कर सकते हैं।
विवरण | समझदारी |
---|---|
रिकॉर्ड तारीख | वह तारीख जब कंपनी निर्धारित करती है कि बोनस शेयर किन शेयरधारकों को दिए जाएंगे। |
एक्स-डेट | वह तारीख जब बोनस शेयर घोषित होने के बाद कंपनी के शेयर बेचे/खरीदे जा सकते हैं। |
शेयर धारण करना | रिकॉर्ड तारीख से पहले कंपनी के शेयर खरीदना और उन्हें अपने पास रखना। |
इस तरह, बोनस शेयर प्राप्त करने के लिए शेयरधारकों को रिकॉर्ड तारीख से पहले कंपनी के शेयर खरीदना और उन्हें अपने पास रखना होता है।
बोनस शेयर वास्तव में क्या हैं आगामी बोनस शेयर?
बोनस शेयर कंपनी द्वारा मौजूदा शेयरधारकों को अतिरिक्त शेयर दिए जाते हैं। ये शेयर बिना किसी अतिरिक्त लागत के दिए जाते हैं। इनकी संख्या मौजूदा शेयरों के अनुपात से निर्धारित होती है। कंपनियां बोनस शेयर जारी करती हैं जब उन्हें अच्छा मुनाफा होता है और लाभांश देने में असमर्थ होती हैं।
बोनस शेयर कंपनी की वित्तीय स्थिति का संकेत देते हैं। अगर कंपनी बोनस शेयर जारी करती है, तो वह भविष्य में लाभ अर्जित करेगी और शेयरधारकों को लाभांश देगी।
- बोनस शेयरों से शेयरधारकों को कोई कर नहीं देना पड़ता, जो नकद लाभांश के मुकाबले अधिक कर-दोस्त होते हैं।
- बोनस शेयर शेयरों की संख्या बढ़ाकर उनकी पहुंच और सस्ती कीमतों के माध्यम से उनकी उपलब्धता को बढ़ाते हैं।
- बोनस शेयर कंपनी की वित्तीय मजबूती का संकेत देते हैं और यह दर्शाते हैं कि कंपनी अच्छा मुनाफा कमा रही है।
लेकिन, बोनस शेयरों के कुछ नुकसान भी हैं। शेयर की कीमत घट जाती है और कंपनी की नकदी प्रवाह पर असर पड़ता है। शेयरधारकों को कम लाभांश मिलने की संभावना भी होती है।
वर्तमान में कई कंपनियां बोनस शेयर जारी कर रही हैं। लेकिन, कुछ कंपनियां कभी भी बोनस शेयर नहीं जारी करती हैं, लेकिन वे वित्तीय रूप से मजबूत हैं। बोनस शेयर जारी करना या नहीं करना कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर करता है।
“बोनस शेयर कंपनी के भविष्य के प्रदर्शन के संकेत हैं। यदि कंपनी बोनस शेयर जारी करती है, तो यह संकेत देती है कि वह भविष्य में अधिक लाभ अर्जित करेगी और शेयरधारकों को अधिक लाभांश देगी।”
समग्र रूप से, बोनस शेयर अतिरिक्त शेयर हैं जो कंपनियां शेयरधारकों को देती हैं। ये शेयर लाभदायक होते हैं क्योंकि वे कर-दोस्त होते हैं और शेयरधारकों की पहुंच और उपलब्धता को बढ़ाते हैं। लेकिन, इनके कुछ नुकसान भी हैं, लेकिन लाभ उन नुकसानों से कहीं अधिक हैं।
बोनस शेयरों की मात्रा
कंपनियां भविष्य के अच्छे प्रदर्शन के लिए बोनस शेयर जारी करती हैं। इन शेयरों के अनुपात 1:1, 1:2, या 1:3 हो सकते हैं। ये अनुपात कंपनी के कंपनी प्रदर्शन और कंपनी लाभ पर निर्भर करते हैं।
यदि कोई कंपनी 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर जारी करती है, तो मौजूदा शेयरधारकों को 1 अतिरिक्त शेयर मिलता है। उदाहरण के लिए, 100 शेयर के साथ शेयरधारक अब 200 शेयर हो जाते हैं।
1:2 के अनुपात में बोनस शेयर जारी करने पर, प्रत्येक 1 शेयर के लिए 2 अतिरिक्त शेयर मिलते हैं। इस स्थिति में 100 शेयर के साथ शेयरधारक 300 शेयर हो जाते हैं।
बोनस शेयर की मात्रा और अनुपात का निर्धारण कंपनी के कंपनी प्रदर्शन और कंपनी लाभ पर आधारित होता है।
बोनस शेयरों के फायदे
बोनस शेयर शेयरधारकों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। ये शेयरधारकों को बिना किसी अतिरिक्त लागत के अतिरिक्त शेयर देते हैं। इससे उनका निवेश बढ़ जाता है. भविष्य में अधिक लाभांश और पूंजी वृद्धि का लाभ मिलता है।
बोनस शेयर कंपनी के भविष्य के प्रदर्शन का संकेत भी देते हैं।
बोनस शेयरों के प्रमुख फायदे हैं:
- निवेश की वृद्धि: बोनस शेयर शेयरधारकों के निवेश को बढ़ा देते हैं बिना किसी अतिरिक्त लागत के।
- धन की बचत: शेयरधारकों को बोनस शेयर मुफ्त में मिलते हैं, जिससे उनका धन की बचत होती है।
- लाभांश में वृद्धि: बोनस शेयर के कारण भविष्य में लाभांश में वृद्धि होती है।
- कंपनी के भविष्य का संकेत: बोनस शेयर कंपनी की आने वाले दिनों में अच्छी कमाई करने की क्षमता का संकेत देते हैं।
इन फायदों को देखते हुए, बोनस शेयर शेयरधारकों के लिए बहुत लाभदायक हो सकते हैं. यह उनके निवेश को बढ़ाने और भविष्य में अधिक लाभ प्राप्त करने में मदद करता है।
“बोनस शेयर मेरे लिए बहुत लाभदायक साबित हुए हैं। यह मेरे निवेश को बढ़ा दिया है और मुझे भविष्य में अधिक लाभांश मिलने की उम्मीद है।” – रमेश, एक शेयरधारक
बोनस शेयरों के नुकसान
बोनस शेयर शेयरधारकों के लिए अच्छे होते हैं, लेकिन इनके कुछ नुकसान भी हैं। इन शेयरों के जारी होने से कंपनी की नकदी प्रवाह पर असर पड़ता है। क्योंकि इनमें से कोई अतिरिक्त लाभांश नहीं दिया जाता है।
इससे लाभांश कमी होती है और शेयरधारकों को कम लाभांश मिलता है।
बोनस शेयर जारी करने में समय और लागत लगती है। यह कंपनी के मूल्य पर भी असर डालता है। शेयरधारकों के लिए बंटवारे की चिंता भी होती है।
लेकिन, बोनस शेयर निवेशकों के लिए अभी भी अच्छा विकल्प हैं। निवेशकों को इन नुकसानों को देखना चाहिए। कंपनी के प्रदर्शन और भविष्य की संभावनाओं का विश्लेषण करना जरूरी है।
बोनस शेयरों की जारी प्रक्रिया
बोनस शेयर जारी करने के लिए, कंपनी को शेयरधारकों से स्वीकृति लेनी पड़ती है। फिर, कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में चर्चा होती है और फैसला लिया जाता है। इस फैसले के तहत, कंपनी शेयरधारकों को अतिरिक्त शेयर देती है, जो लाभांश के बदले होता है।
बोनस शेयर मौजूदा शेयरधारकों को अतिरिक्त शेयर देते हैं। कंपनी ऐसा करती है जब वह अच्छा मुनाफा कमाती है लेकिन लाभांश नहीं दे पाती। यह कंपनी के भविष्य का संकेत होता है।
कंपनियां बोनस शेयर के अनुपात को बदल सकती हैं, जैसे 1:1, 1:2, या 1:3। यह कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। हालांकि, बोनस शेयर शेयरधारकों के लिए अच्छा होते हैं, लेकिन कुछ नुकसान भी हैं, जैसे कि नकदी प्रवाह पर असर।
बोनस शेयर जारी करने के लिए, कंपनी को शेयरधारकों से स्वीकृति लेनी पड़ती है। इस प्रक्रिया में कंपनी के फैसले और शेयरधारकों की स्वीकृति महत्वपूर्ण होते हैं।
उदाहरण के लिए, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने 2023-24 के लिए 90 रुपये प्रति शेयर का प्री-बोनस लाभांश घोषित किया है। शेयरधारकों को अंतिम लाभांश 90 रुपये प्रति शेयर मिलने की सिफारिश की गई है। यह नामांकित मूल्य 1 रुपये प्रति शेयर की तुलना में 9000% की वृद्धि है। NSE प्रत्येक धारित शेयर के लिए 4 बोनस शेयर जारी करने की योजना बना रहा है, जिससे शेयरधारकों को लाभ होगा।
निष्कर्ष
बोनस शेयर निवेशकों के लिए लुभावना हैं। वे कंपनी के भविष्य के संकेत देते हैं और शेयरधारकों को अतिरिक्त शेयर देते हैं। लेकिन, इनमें कुछ नुकसान भी हैं, फिर भी सामान्य तौर पर वे फायदेमंद होते हैं।
निवेशकों को बोनस शेयरों में निवेश करना चाहिए। वे निवेश में वृद्धि करते हैं और कंपनी के भविष्य के संकेत देते हैं।
बोनस शेयर निवेशकों के लिए अच्छा हैं। वे निवेशकों को लाभ देते हैं और कंपनी के भविष्य के संकेत देते हैं। इसलिए, निवेशकों को इन अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।
FAQ
बोनस शेयर क्या हैं?
बोनस शेयर कंपनी द्वारा मौजूदा शेयरधारकों को अतिरिक्त शेयर दिए जाते हैं। ये शेयर तब दिए जाते हैं जब कंपनी अच्छा मुनाफा कमाती है लेकिन लाभांश नहीं देती।
बोनस शेयरों की प्रकृति क्या है?
बोनस शेयर भविष्य के लिए अच्छा संकेत होते हैं। अगर कंपनी बोनस शेयर जारी करती है, तो वह भविष्य में अच्छा प्रदर्शन करेगी।
बोनस शेयर के लिए कौन पात्र है?
जो शेयरधारक कंपनी के शेयरों के मालिक हैं, वे ही बोनस शेयर प्राप्त कर सकते हैं। भारत में रिकॉर्ड तारीख एक्स-डेट से दो दिन पहले होती है।
बोनस शेयर वास्तव में क्या हैं?
बोनस शेयर कंपनी द्वारा शेयरधारकों को अतिरिक्त शेयर दिए जाते हैं। ये शेयर बिना किसी अतिरिक्त लागत के दिए जाते हैं, जैसे 1:1, 1:2 या 1:3 अनुपात में।
बोनस शेयरों की मात्रा कैसे होती है?
कंपनियां बोनस शेयरों की संख्या को अपने प्रदर्शन और लाभ के आधार पर तय करती हैं।
बोनस शेयरों के क्या फायदे हैं?
बोनस शेयर शेयरधारकों के लिए लाभदायक होते हैं। ये अतिरिक्त शेयर देते हैं, जिससे निवेश बढ़ता है। इससे शेयरधारकों को भविष्य में अधिक लाभांश मिलता है।
बोनस शेयरों के क्या नुकसान हैं?
बोनस शेयरों के कुछ नुकसान हैं। ये शेयर जारी करने से कंपनी की नकदी प्रवाह पर असर पड़ता है। इससे शेयरधारकों को कम लाभांश मिलता है।
बोनस शेयरों को जारी करने की प्रक्रिया क्या है?
बोनस शेयर जारी करने के लिए कंपनी को शेयरधारकों की स्वीकृति लेनी होती है। फिर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में चर्चा होती है। बाद में कंपनी शेयर जारी करती है, ताकि शेयरधारकों को अतिरिक्त शेयर मिले।